पिछले कुछ समय से मेरी लिखावट की तारीफ के साथ-साथ कुछ लोग मेरी आलोचना भी बहुत कर रहे है। वैसे मैं मेरे आलोचको को जवाब देना पसंद नहीं करता। क्योंकि उनको जवाब देने के लिए मेरे लिखने का हुनर ही काफी है। पर कुछ समय से मुझे ऐसा लग रहा है कि मेरे आलोचकों को जवाब देने के लिए मुझे कुछ तो लिखना चाहिए। बस इसी खयाल ने मुझे प्रेरित किया। जिन्हें मैं मेरे द्वारा लिखी एक छोटी सी और पहली गज़ल द्वारा आपके सामने रख रहा हूँ। जो संभवतया मेरे आलोचकों को समर्पित है। इस गज़ल के लिए मैं मेरे सभी आलोचकों को तहे दिल से धन्यवाद देता हूँ.......!!!🙏😔
मैं अपने बारे में क्या बोलू...??
मुझे तो बोलना भी नहीं आता।
बस मेरे पास एक कलम और कागज है,
जो मेरा परिचय खुद ही करवा जाता।।
कुछ लोगो को यह गलत-फहमी है कि,
मैं उनको जवाब नहीं देता।
बिचारों को तो यह भी पता नहीं कि,
उन्हें जवाब देने के लिए कागज-कलम है मेरे पास।।
कुछ अभागों को शायद,
पता नहीं ताकत कागज-कलम की।
इसलिए उन्हें लगता है कि
"सिंघवी" का जवाब नहीं आया नज़र में उनकी।।
#ThinkB+ve&😊
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