Tuesday 24 October 2017

हमें शर्म आनी चाहिए ऐसी अफवाह फैलाते हुए...!

मैं पिछले एक-दो दिनों से देख रहा हूँ कि हमारे जैन समाज के ही कुछ श्रावक गुरुजनों के प्रति ऐसी अफवाह फैला रहे है कि जैसे वे बहुत ही अच्छा कार्य कर रहे हो। आपने भी देखा होगा कि पिछले कुछ दिनों से शेर-ए-राजस्थान, पूजनीय गुरुदेव श्री रूपमुनि जी म. सा. की तबियत थोड़ी सी खराब है और मेरी जानकारी के हिसाब से गुरुदेवश्री का इलाज अहमदाबाद में चल रहा है। हम सभी की प्रार्थना है कि गुरुदेवश्री जल्द स्वस्थ हो और उनके मुखारविंद से हमें अमृतवाणी सुनने को मिले। पर कुछ अपने ही समाज के अप्राकृतिक तत्व इसे भी एक मजाक का विषय बनाने पर तुले हुए है। जब अपने ही लोग ऐसी बातें करते है तो बहुत दुःख होता है। अपने समाज की पकड़ अब समाज में दिन-ब-दिन कम होती जा रही है, जो कि भविष्य के लिए अच्छा नहीं है। इसका कारण जो भी हो, पर ऐसे अप्राकृतिक तत्वों पर समाज द्वारा लगाम लगानी अतिआवश्यक है।

अब कई श्रावक मेरे इस लेख पर सवाल उठाएंगे कि इसमें समाज चाहकर भी कुछ नहीं कर सकता। तो मैं आपको एक तरीका बताता हूँ, जिससे शायद ऐसी गतिविधियों पर कुछ हद तक लगाम लगाई जा सके। (यह सिर्फ मेरे विचार हैं। जिससे ऐसी गतिविधियों को पूर्णतया बंद करने की गेरेन्टी मैं नहीं ले सकता। पर कुछ हद तक नियंत्रण संभव है।)

श्री वर्धमान स्थानकवासी श्रावक संघ, मुम्बई की सबसे बड़ी संस्था है, मेवाड़ संघ या मेवाड़ भवन। तो किसी भी तरह की सामाजिक सूचना सिर्फ मेवाड़ संघ या मेवाड़ भवन के अध्यक्ष और महामंत्री या मंत्री के साथ समीक्षा के बाद वहां के प्रचारमंत्री द्वारा सभी उपसंघों को प्रेषित की जानी चाहिए और वो भी प्रचारमंत्री के नाम के साथ। उसके बाद प्रत्येक उपसंघ के प्रचारमंत्री अपना नाम इसमें जोड़कर अपने-अपने उपसंघ में इसे प्रेषित करें। जिससे सही और सटीक समाचार सब तक पहुंच सके।

अब मैं आपको कुछ अप्राकृतिक तत्वों द्वारा फैलाई जा रही अफवाह पर लगाम लगाने का तरीका बताता हूँ। किसी को भी कोई भी ऐसा अफवाह भरा समाचार अगर कही से मिलता है तो वह या तो अपने उपसंघ की कार्यकारिणी से बात करें या फिर मेवाड़ भवन या संघ की कार्यकारिणी से बात करें और जिस किसी के द्वारा आप तक यह समाचार आया है, उसका स्क्रीन शॉट निकालकर सीधा मेवाड़ संघ या मेवाड़ भवन के प्रचारमंत्री के नंबर पर भेज दे। ताकि आगे की कार्यवाही की जा सके। ऐसे श्रावकों को सबसे पहले व्हाट्सएप्प ग्रुप से बाहर निकाला जाए और सामाजिक लेवल पर दंडित किया जाए। जैसे पहले के जमाने में किसी से गलती होती थी तो 52 गाँव की कमेटी मिलकर उसे दंड देती थी।

ऐसा करने से हमारे समाज की व्यवस्था और मर्यादा बनी रहेगी। जो कि आने वाली पीढ़ियों के लिए वरदान साबित होगी।

मेरा समाज के सभी श्रावकों से निवेदन है कि आप सब इस मुद्दे पर विचार करें और समाजहित के लिए कुछ सार्थक कदम उठाएं। मेवाड़ भवन और मेवाड़ संघ की कार्यकारिणी से मेरा निवेदन है कि ऐसे मुद्दो पर लगाम लगाने के लिए कुछ कार्य करें या कुछ नियम आने वाली मीटिंग में बनाएं, ताकि अपने समाज का हित निश्चित हो सके।
धन्यवाद! जय जिनेन्द्र!
(यह मेरे अपने विचार है। आपके विचार भिन्न हो सकते है। पर मेरा मानना है कि समाजहित में कार्य निरंतर होने ही चाहिए। आपके विचारों का स्वागत है। आप अपने विचार मुझे +91-9819715012 (मो) पर व्हाट्सएप्प द्वारा भेज सकते है।)

प्रवीण सी. सिंघवी,
मीडिया प्रभारी, श्रीसंघ, कड़ियाँ.
लेखक और व्यवसायी.