Thursday 31 March 2016

राहुल गांधी के "जय श्री राम" नहीं बोलने वाले बयां पर और देशद्रोही गतिविधियों में शामिल होने पर मेरे मन की व्यथा व्यक्त करती एक छोटी सी टिपण्णी (व्यंग्य).......

60 सालो तक देश की सेवा की है कांग्रेस ने। राहुल गांधी को तो प्रधानमंत्री बना देना चाहिए। फिर ये खाली जय श्री राम ही तो नहीं बोल रहे है ना। इससे क्या फर्क पड़ता है??? कौनसे श्री राम यहाँ अपने सामने खड़े है???
ये आ गए तो अपना बिज़नस भी अच्छा चलेगा। Exais Duty भी नहीं भरनी पड़ेगी। ब्लैक में जितना चाहे काम कर सकेंगे। कोई हिसाब पूछने वाला नहीं होगा। अब ये उसके लिए 8-10 घोटाले कर दे तो क्या फर्क पड़ता है हमें???
अपने सैनिकों के सर ओर कट जायेंगे। वो तो होते ही शहीद होने के लिए है। उनकी मौत से हमें क्या फर्क पड़ता है।
भगत सिंह को आतंकवादी बोल दिया तो क्या फर्क पड़ गया। वो तो वैसे भी मर चूका है। उसे कुछ भी बोलो। इससे क्या???
निर्भया रैप और हत्या जैसी घटनाये तो होती ही रहेगी। आखिर लडकिया होती किसके लिए है??? मजे करने के लिए ही तो है। उनके रैप और हत्या से हमें क्या??? हम तो बस उसकी याद में मोमबत्ती के व्यवसाय को बढ़ावा दे देंगे। जिससे कई मजदुर अपना पेट पाल सके।
दाऊद एक-दो बम्ब धमाके ओर करेगा। उसमे मरने वाले कौनसे अपने है?? गीता में भी श्रीकृष्ण ने यही कहा है कि जो आया है वो तो एक दिन जाना ही है। मृत्यु तो शाश्वत् सत्य है। इसे कौन बदल सका है???
सोनिया गाँधी अपने इलाज के लिए विदेशी दौरे (देश के पैसों से) करे तो इसमें गलत ही क्या है?? वो तो मेहमान है ना अपने देश की। उसकी तो खातिरदारी करना भारतीय संस्कृति है ना। हर भारतीय का फर्ज है। "अतिथि देवो भवः।"
देश और धर्म डूब जाये तो क्या हुआ??? हमें अपनी तिजोरिया तो भरनी है ना। वो तो भर जायेगी। अब देश बर्बाद हो जाये तो हमें क्या??? हमको कौनसा देश या धर्म खाने को दे रहा है???
क्यों हिन्दू भाइयों??? सही कहा ना मैंने......
अब तो मुझे भी अपने आप को हिन्दू कहने पर गर्व महसूस होने लगा है।
सोनिया गांधी की जय। राहुल गांधी- जिंदाबाद।

आपका अभागा एक हिन्दू भाई:

Thursday 24 March 2016

होली विशेष: राशिफल नहीं, राशिफन...😊😊😊

राशि‍फल नहीं... होली पर पढ़ि‍ए अपना चटपटा "राशि‍ फन"...

जिसकी राशि मेष हो। उसके लिए राशि फन...
01. मेष:
   मेष, मेढ़ अर्थात भेड़। भेड़ और बकरी का नाम साथ में लिए जाने से इसे बकरी भी माना जा सकता है। तो इस जाति के सभी जातकों के लिए यह होली बिल्कुल वैसी ही होगी जैसी भेड़ या बकरियों के लिए होती है। आपके ऊपर रंग डाले जाने पर आप वैसे ही भागेंगे जैसे भेड़ या बकरी पर पानी डाले जाने पर वह इधर-उधर भागती है, लेकिन अगर आपसे किसी ने रंग नहीं लगवाया तो आप वैसे ही चिढ़ भी सकते हैं जैसे भेड़ - बकरी चिढ़कर सींग मारने के लिए लपकती है।

   इस होली आपके लिए शुभ रंग है- हरा, क्योंकि हरा रंग देखकर भेड़-बकरियों में प्रसन्नता का संचार होता है। वहीं शुभ अंक आप अपनी मर्जी से भी चुन सकते हैं, क्योंकि बकरियां काफी मूडी होती हैं और अंक पसंद न आने पर वे चिढ़ भी सकती हैं। इस होली से उस होली तक आपका मूड कभी भी बदल सकता है, इसलिए गुस्से पर नियंत्रण रखें।

बुरा ना मानो....!! होली है!!!👍

जिसकी राशि वृषभ हो। उसके लिए राशि फन...
02. वृषभ:
   वृषभ यानि बैल।  इस जाति के जातक बैल की तरह सबसे जिद्दी होते हैं और किसी को भी रंग लगाने या किसी से न लगवाने के लिए अड़ सकते हैं। लेकिन भि‍या अड़ने पर आपकी गाड़ी किसी से भिड़ भी सकती है। भि‍ड़ने वाला आपकी तरह बैल यानि वृषभ राशि वाला रहा तब तक तो ठीक है, लेकिन गलती से भी किसी सिंह, वृश्चिक यानि बिच्छु या फिर कर्क अर्थात केकड़े साथ भि‍ड़ गए तो लेने के देने भी पड़ सकते हैं।

   और हां, इस दिन लड़कियों से जरा दूर ही रहने में भलाई रहेगी, अन्यथा पुलिस की गाड़ी में बैठे राहु और केतु की दशा झेलनी पड़ सकती है। इस होली पर शांति बनाए रखने के लिए सफेद रंग का प्रयोग ही शुभ होगा। लाल रंग से परहेज करें, यह खतरे की घंटी भी हो सकता है।

बुरा ना मानो....!! होली है!!!👍

जिसकी राशि मिथुन हो। उसके लिए राशि फन...
03. मिथुन:
   इस राशि के जातक काफी रोमांटिक टाइप के होते हैं इसलिए अावारा मजनुओं से लेकर मोहल्ले की अंगूरी भाभि‍यों की तांकाझांकी करने वाले शादीशुदा पुरुषों तक को इस श्रेणी में रखा गया है। वैसे तो य‍ह होली आपके लिए शुभ है, लेकिन अपने साथी पर फोकस करने के बजाए उसके इर्द-गिर्द ध्यान देने पर दुर्घटना के योग भी बन रहे हैं।

   इस बात का विशेष ध्यान रखें। वैसे तो आपके लिए लाल रंग बेहद शुभ और रोमांस का सूचक है, परंतु सावधानी न बरते पर यह खतरे का रंग भी साबित हो सकता है। अनहोनी से बचने के लिए, चेहरे को अनेक रंगों से सराबोर कर लें ताकि कोई पहचान न सके, तभी होली खेलें, कल्याण होगा।

बुरा ना मानो....!! होली है!!!👍

जिसकी राशि कर्क हो। उसके लिए राशि फन...
04. कर्क:
   कर्क यानि केकड़ा प्रजाति के जातकों के लिए होली सामान्य रहेगी, परंतु दूसरों के लिए यह असामान्य हो सकती है। होली की महत्ता को समझें और लोगों को रंग लगाने दें। गुस्से में आकर किसी को काट लेना, अर्थात गुस्सा करना आपके लिए परेशानी पैदा कर सकता है।

   चूंकि आपको पानी में रहना पसंद है, इसलिए आपका शुभ रंग है नीला और शुभ अंक बिल्कुल आपके फिगर की तरह है, यानि 8।

बुरा ना मानो....!! होली है!!!👍

जिसकी राशि सिंह हो। उसके लिए राशि फन...
05. सिंह:
   सिंह यानि लल्लूपंजू और छुटभैये से लेकर दमदार नेता और गुंडे मवालियों से लेकर पुलिस वालों तक, आपके लिए होली हमेशा शुभ ही रहेगी, लेकिन आपके बिना दहाड़े होली खेलना औरों के लिए भी शुभ रहेगी। होली पर अपनी मनमानी न करें, यह भाई-चारे का पर्व है इसे बकरी से लेकरमीन अर्थात मछली तक सब साथ मिलकर मना सकते हैं।

   गुस्से पर नियंत्रण रखें अन्यथा बिच्छु और केकड़े से हानि हो सकती है। चुंकि सिंह नॉन वेजिटेरियन होता है, इसलि‍ए हरा रंग देखकर आपको गुस्सा आ सकता है, इसका प्रयोग न करें। इस होली पर आम जनता के खून का रंग लाल भी आपके लिए अशुभ है। अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए जनता को प्रसन्न रखें।

बुरा ना मानो....!! होली है!!!👍

जिसकी राशि कन्या हो। उसके लिए राशि फन...
06. कन्या:
   कन्या यानि कॉलेज गोइंग गर्ल्स से लेकर नई नवेली दुल्हनों तक सभी कन्याओं के लिए होली रोमांचक रहेगी। रंगीले मजनुओं की टोलियां आपकी कॉलोनी में रंग खेलने के बहाने आपके दर्शन के लिए पहुंच सकती है, परंतु इनसे सावधानी रखना श्रेृष्ठ रहेगा।

   अजनबियों पर भरोसा न करें, बालों में नारियल का तेल लगाकर निकलें और भांग का सेवन न करें। वैसे तो आपके लिए हर तरह की छूट होती है, तो रंगों की क्या बिसात... सारे ही रंग आपके लिए शुभ होते हैं, लेकिन आपकी पसंद का गुलाबी रंग विशेष होगा, जिससे आपकी रंगत और निखरने के योग हैं।

बुरा ना मानो....!! होली है!!!👍

जिसकी राशि तुला हो। उसके लिए राशि फन...
07. तुला:
   तुला राशि के जातकों की रुचि हर चीज को तोल-मोल कर करने की होती है, इसलि‍ए समस्त लाला, बनिये और सिंधी लोगों को इस श्रेणी में रखा गया है। इस होली पर रंग लगाने में कंजूसी या हिसाब-किताब न करें। खुलकर रंग खेलें।

   रंगों से जितना प्यार जताएंगे, उतने ही मिठाई के डि‍ब्बे आपके घर पहुंचने के योग बन रहे हैं। परंतु मिठाई का ज्यादा प्रयोग आपकी पारंपरिक रूप से इमेजिन की जाने वाली तोंद को बढ़ा सकता है इसलिए इससे दूर रहें। यह प्रयोग आपकी तोंद को कम कर मॉडर्न लुक देगा।

बुरा ना मानो....!! होली है!!!👍

जिसकी राशि वृश्चिक हो। उसके लिए राशि फन...
08. वृश्चि‍क:
   बिच्छू राशि के जातक कभी-भी किसी को भी डंक मार सकते हैं अर्थात गच्चा दे सकते हैं इसलिए शैतान और कमजोर दिमाग के छात्रों, शादी लायक युवक-युवतियों, जेल से भागने वाले अपराधि‍यों, ज्योतिष भविष्यवाणियों, शेयर मार्केट को इस श्रेणी में रखा गया है। विद्यार्थि‍यों की मेहनत रंग ला सकती है, परंतु शादी लायक युवक-युवतियों पर बिल्कुल भरोसा न करें।

   रिश्ता जुड़ते ही ये रफूचक्कर हो सकते हैं और कुछ प्रेमी दिल टूट भी सकते हैं, इसके लिए तैयार रहें। जेल से भागने वाले अपराधि‍यों को होली का फायदा मिल सकता है, चेहरे को रंगने के लिए 7 रंगों का प्रयोग करें। वहीं किसी अन्य ज्योतिष की भविष्यवाणी और शेयर मार्केट दोनों ही होली पर अपने रंग बदल सकते हैं।

बुरा ना मानो....!! होली है!!!👍

जिसकी राशि धनु हो। उसके लिए राशि फन...
09. धनु:
   प्यार हो या दुश्मनी इस राशि के जातकों का निशाना कभी नहीं चूकता। होली पर गुब्बारों का निशाना लगाना आपके लिए शुभ होगा। परंतु निशाना लगाते समय भांग का प्रयोग न करें।

   कहीं पे निगाहें कहीं पे निशाना लगाना आपके लिए हानिकारक हो सकता है और लाल रंग के स्थान पर पिटाई के बाद शरीर से रक्त भी बह सकता है। इससे बचने के लिए साफ पानी के गुब्बारे ही प्रयोग करें और अपने निशाने को सही जगह पर लगाएं।

बुरा ना मानो....!! होली है!!!👍

जिसकी राशि मकर हो। उसके लिए राशि फन...
10. मकर:
   मगर की तरह आराम पसंद और शि‍कार के इंतजार में बैठे लोगों को इस प्रकार के जातक होली खेलने के बजाए, मगर की तरह रंगों से भरे पूल में आराम न फरमाएं। यह आपकी त्वचा को खराब कर सकता है और आपको दोस्तों से गुब्बारों की अधि‍क मार झेलनी पड़ सकती है।

   भांग का सेवन आपके लिए शुभ रहेगा, इस बहाने ही सही, आप थोड़ा सक्रिय होकर दोस्तों का मनोरंजन कर सकते हैं। अन्यथा आलसी लक्षणों के चलते कोई शि‍कार आपके पास नहीं आएगा। भांग खाने के बाद रोने से बचें, अन्यथा आपको मगरमच्छ के आंसू संबंधी मुहावरे का सामना करना पड़ सकता है।

बुरा ना मानो....!! होली है!!!👍

जिसकी राशि कुंभ हो। उसके लिए राशि फन...
11. कुंभ:
   सालभर तक घड़े की तरह मन ही मन भरे रहने के बजाए होली पर मन के रंगों को छलकाना आपके लिए शुभ होगा। अपने मन की पूरी भड़ास निकालकर होली खेलें और किसी भी रंग से परहेज न करें।

   अपने घर पर दोस्तों व रिश्तेदारों का कुंभ यानि जमावड़ा करें और सभी को भांग वाली ठंडाई पिलाएं। यह पर्व आपके लिए खुशि‍यों से भरा और आनंददायक होगा।

बुरा ना मानो....!! होली है!!!👍

जिसकी राशि मीन हो। उसके लिए राशि फन...
12. मीन:
   हर वक्त आंखे खुली रखने वाली मछली यानि मीन राशि के जातकों में जासूस, तांकाझांकी करने वालों को रखा गया है।  जाहिर-सी बात है कि मछलियों की तरह आपको पानी बहुत पसंद होगा, लेकिन इस बार पानी बचाते हुए सूखे रंगों से ही होली खेलें।

   होली खेलते समय मछली की तरह हर वक्त आंखें खुली न रखें। इससे आंखों में रंग जा सकता है। हां!!! चमकीले रंगों का इस्तेमाल कर आप सभी को मछली जैसा चमकीला बना सकते हैं। होली पर आपका शुभ रंग है नीला, ताकि आपको पानी की कमी महसूस न हो। फेसबुक के रंग को पानी समझकर अधि‍क तांकाझांकी करना आपके लिए अशुभ हो सकता है। इस बात का ध्यान रखें। 

बुरा ना मानो....!! होली है!!!👍

नोट : यह राशि‍फन पूरी तरह से काल्पनिक है। इस राशि‍फन का किसी भी राशि‍ से कोई संबंध नहीं है।

Happy Holi & Dhulendi to all Friends & Relatives...
😁😁😁🙏

Sunday 20 March 2016

एक्साइज़ ड्यूटी के विरोध में होते दो-तरफ़ा खेल के बारे में मेरे विचार...

मुम्बई, 20 मार्च, 2016...
   भारत सरकार द्वारा आम बजट, 2016 में सोना-चांदी पर लगाई गयी एक्साइज़ ड्यूटी के विरोध में 17 मार्च, 2016 को दिल्ली के रामलीला मैदान में विशाल रैली का आयोजन किया गया और 19 मार्च, 2016 को काशिमिरा, शिवाजी महाराज पुतले से महानगर पालिका, मीरा-भायंदर तक एक मोर्चा निकाला गया। जिसमे मैंने भी भाग लिया था। (क्योंकि मै भी इसी फिल्ड से जुड़ा हुआ हूँ।)

   जिसमे व्यापारियों का विरोध देखकर तो ऐसा लगा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी और वित्तमंत्री श्री अरुण जेटली जी अभी यहाँ आकर अपना इस्तीफा इन व्यापारियों के हाथ में सौंपकर ये कह देंगे कि......
   हमारे प्यारे व्यापारियों!!! हम एक्साइज़ ड्यूटी वापस लेते है और जो आपका इतने दिनों तक दुकानें बंद रखने से नुकसान हुआ है उसका हर्जाना भी हम आपको देते है। (और यह कहकर एक चेक इन व्यापारियों के हाथ में देते है।) और हमने आपका दिल दुखाया, उसके लिए हम अपना इस्तीफा दे रहे है। (और इस्तीफा इन व्यापारियों के हाथ में देते है।)
😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊.....👍

   कितनी बड़ी विडम्बना है इस देश की??? कि जो एक दिन पहले एक्साइज़ ड्यूटी के विरोध में रैली में बड़-चढ़ कर नारेबाजी कर रहे थे और हाथ ऊँचे कर-कर के फ़ोटो खिचवा रहे थे और इस बंद का समर्थन कर रहे थे। वे ही आज अपनी दुकाने खोलकर बैठे है।

   ये खाली दिखावा है। देश का माहोल ख़राब करने का एक तरीका है। और कई लोग तो एन्जॉयमेंट के लिए और फ़ोटो सेसन के लिए रैलियों में हिस्सा लेते है। ताकि फेसबुक पर डाल सके। अपने दोस्तों और परिचितों को बता सके कि हमने भी रैली में हिस्सा लिया।

   इससे क्या होगा???

   आपको दुकाने बंद रखनी है तो पूरी तरह से बंद रखो ना। विरोध करने का आपका हक़ है। आप करो। पर ये आधा-अधूरा विरोध कोई मायने नहीं रखता। एकता रखो तो पूरी तरह से रखो। वर्ना कुछ विभीषणों के कारण सब किया कराया मिट्टी में मिल जायेगा। इतने दिन बंद रखकर जो नुकसान किया। उसका कोई मतलब ही नहीं रह जायेगा।

   दो दिन पहले मुझे पता चला कि चेन्नई में एक्साइज़ ड्यूटी को मान लिया गया है। आज सुबह मुझे पता चला कि नालासोपारा में दुकाने खोल दी गयी है। सब दुकाने भले ही ना भी खुली हो तो भी कुछ दुकाने तो खुल गयी ना। इसके थोड़ी देर बाद मुझे पता चला कि भायंदर के केबिन रोड की दुकाने और भांडुप मार्किट की दुकाने खुल गयी है।

(मार्किट खुलने की पुष्टि मै नहीं करता हूँ। मुझे जैसा मार्किट से पता चला, वैसा मैंने लिख दिया है। अब ये कोरी अफवाह हो तो मै इसकी जिम्मेदारी नहीं लेता हूँ। मेरा उद्देश्य किसी की इंसल्ट करना नहीं है। मै तो बस कुछ लोगो को समझाना चाहता हूँ कि विरोध पूरा करना है, आधा-अधूरा नहीं।)

   अब आप ही बताओ ऐसे एक्साइज़ ड्यूटी हटेगी क्या???

   जो व्यापारी अपनी दुकाने बंद रखकर बैठे है, वे तो मुर्ख ही हुए ना इनके हिसाब से???

   सभी ज्वेलर्स असोसिएशन से मेरा निवेदन है कि अगर आपको एक्साइज़ ड्यूटी के विरोध में अपनी दुकाने बंद रखनी ही है तो पूरी तरह से बंद रखो। अगर आधी-अधूरी बंद रखनी है तो इसकी बजाय पूरी खोलकर अपना धंधा करो। क्यों फालतू में बंद रखकर अपना और देश का नुकसान कर रहे हो???

   इधर ज्वेलरी स्टाफ परेशान है कि दुकाने खुलेगी कि नहीं खुलेगी??? क्योंकि 3 दिन बाद होली है। अब आप ही सोचो कि जब दुकाने चालू रहती है तो त्यौहार में इनको गाँव की होली खेलने जाने को मिलता है क्या???

   अभी दुकाने बंद है। काम कुछ है नहीं। तो स्टाफ भी गाँव की होली खेलने जाने के लिए उत्सुक है। पर ये बंद-चालू, बंद-चालू में ना तो वे गाँव की होली खेलने जा सकते है और ना ही यहाँ ढंग से दुकानदारी कर सकते है।

   मेरे हिसाब से तो ज्वेलर्स स्टाफ का भी एक ग्रुप या असोसिएशन होना चाहिए। ताकि वे इस विडम्बना का विरोध कर सके।

   किसी ज्वेलर्स असोसिएशन या उसकी कार्यकारिणी में इतनी ताकत नहीं है कि वो अपने असोसिएशन के अंतर्गत आने वाली दुकानों को पूरी तरह से बंद करवा सके, तो कार्यकारिणी सदस्य अपना इस्तीफा दे दे या असोसिएशन ही बंद कर दे। क्योंकि जब आप कुछ कर ही नहीं सकते तो फालतू की राजनीती का क्या मतलब??? असोसिएशन खाली नाम के लिए नहीं होता है, उसमे कुछ काम भी होना चाहिए।

   ये लेख एक ज्वेलरी स्टाफ के मन की व्यथा और ज्वेलर्स एसोसिशनों या कुछ दुकानदारों की दो-तरफा राजनीती को व्यक्त करने के लिए मैंने लिखा है। मै चाहता हूँ कि इस पर सभी ज्वेलर्स एसोसिशन ध्यान दे और उचित कदम उठाये।

   रही बात एक्साइज़ ड्यूटी के विरोध की, तो मै सभी ज्वेलर्स-व्यापारियों के साथ हूँ। क्योंकि मै भी इसी धंधे से जुड़ा हुआ हूँ।

   अगर एक्साइज़ ड्यूटी पर मेरे अपने विचार आप जानना चाहते है तो आज तक (20 मार्च, 2016) का माहौल और ज्वेलरी व्यापारियों का विरोध और दो तरफ़ा खेल देखकर मुझे तो नहीं लगता कि एक्साइज़ ड्यूटी हटने वाली है। बाकि आगे तो समय आने पर ही पता चलेगा।

   इसका कोई ये मतलब ना निकाले कि मै एक्साइज़ ड्यूटी के पक्ष में हूँ। क्योंकि मै भी इसके विरोध में ही हूँ। आपको यकीं नहीं होता है तो मेरी कल (19 मार्च, 2016) की पोस्ट (फेसबुक पर) जिसमे मैंने काशीमीरा ज्वेलर्स एसोसिशन के साथ काशिमिरा वाली रैली में भाग लिया था। एक बार देख ले।

धन्यवाद!😢👍

आपका अपना ज्वेलर्स व्यापारी (स्टाफ)...
Mr. P. C. Singhvi, Kadiya.
(+91-9819715012).
Email: praveensinghvi89@gmail.com

Sunday 6 March 2016

संवत्सरी की ऐतिहासिक जानकारी...

   "जैन धर्म में एकता की स्थिति"....... नामक शीर्षक से मैंने कुछ समय पहले एक पोस्ट की थी मेरे इस ब्लॉग पर।

   उसमें मैंने जैन धर्म में एकता की कमी पर अपने विचार व्यक्त किये थे। उसमें मैंने जैन धर्म के मुख्य महापर्व  पर्युषण और संवत्सरी के उदाहरण देकर ये समझाने का प्रयास किया था कि अपने जैन धर्म में एकता की बहुत कमी है।

   आपने उसे ध्यान से पढ़ा हो तो आपको याद होगा कि मैंने उसमें ये भी कहा था कि मैंने इस बारे में एक जैन मुनि जी से भी विचार-विमर्श किया। अब क्या विचार-विमर्श किया??? ये तो आप मेरे उस ब्लॉग में पढ़ ही चुके है।

   अब आप ये सोच रहे होंगे कि जब उस ब्लॉग में सब बता दिया तो ये ब्लॉग लिखने की क्या जरुरत थी???

   अब आपके इसी सवाल का जवाब मै यहाँ देने का प्रयास कर रहा हूँ। आपसे विनम्र निवेदन है कि मेरा प्रयास आपको कैसा लगा??? ये आप मुझे बताकर मुझे आगे के लिए गाइड करे।

   अब मै अपने मुख्य विषय पर आता हूँ।

   मै आपको एक खुशखबरी सुनाना चाहता हूँ और वो ये है कि मुझे कुछ हद तक जैन धर्म के महापर्व पर्युषण और संवत्सरी का इतिहास पता चला है। जिसे मै पूर्ण रूप या यु कहु कि पूरा सही होने का दावा तो नहीं कर सकता। पर मुझे उसमे कुछ सही लगा। इसलिए मै आपके साथ बाँट रहा हूँ। मै आपको यहाँ एक बात ओर बता दू कि मेरा इस विषय पर शोध जारी है। जो मै अविरल रखूँगा।

संवत्सरी का इतिहास: (जो मुझे पता चला है)

५ परमेष्ठी है,
५ कल्याणक है,
५ इन्द्रियां है,
५ तत्व है,
५ ज्ञान है,
५ उंगलियां है...

सभी जगह ५ की महत्ता है।

   वर्षो पहले संवत्सरी भी ऋषिपंचमी (भाद्रपद सुदी ५) को ही होती थी। क्योंकि चातुर्मास के ५०वें दिन ही संवत्सरी महापर्व मनाने का विधान है। (५० में भी ५ की संख्या आ ही गयी है)

   संवत्सरी किसी कारणवश ४९वें दिन हो सकती है पर ५१वें दिन नहीं हो सकती।

   इसी कारण श्रीकालकाचार्य ने राजा के शोकग्रसित होने से संवत्सरी ४९वें दिन की और अगले साल ही वो कालधर्म को प्राप्त हुए।

   उनके शिष्यों ने ४९वें दिन को ही आगे के लिए मान्यता प्रदान कर दी और आज तक वो भूल चली आ रही है।

पर्व तिथि है: १, ५, ८, १४, १५.
(यहाँ पर भी पर्व तिथि ५ ही है)

जैनों में चौथ पर कोई भी पर्व तिथि आती है क्या???

   ध्यान रहे संवत्सरी ८ दिन की इसलिए है कि ८ कर्मों को खपाया जाए और पंचमी को इसलिए है कि पांचवे ज्ञान (केवल ज्ञान) प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ा जाये।

   ये इतिहास मैंने जहा पढ़ा, वहां से copy किया है। इसमें मैंने मेरी तरफ से एक शब्द भी नहीं जोड़ा है और ना ही घटाया है।

   ये मैंने जहा से पढ़ा। वहा का लिंक भी मै आपको शेयर कर रहा हूँ। जिससे आप स्वयं इस जानकारी की पुष्टि कर सके।
https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=818532748293431&id=100004101390697&st=10

   इसमें मुझे कुछ अच्छा लगा। इसलिए आपसे बांटने का मन हुआ और मन की इच्छा आपके आशीर्वाद से पूरी की।

   मुझे इस बारे में कुछ भी जानकारी नहीं थी, इसलिए मुझे ये थोड़ी सी जानकारी भी "डूबते को तिनके का सहारा" जैसी लगी और मैंने इसे संभालकर आप तक पहुँचाने का निश्चय कर लिया। मै आगे इस जानकारी की सत्यता की भी खोज कर रहा हूँ।

   मै आपसे भी विनम्र निवेदन करता हूँ कि यदि आपको इस पोस्ट की जानकारी में कोई बात गलत या सही लगे, तो मुझे comments करके बताये और इस विषय से सम्बंधित कोई भी जानकारी आपके पास हो, जो चाहे आधी-अधूरी या सटीक ना भी हो, तो भी मेरे साथ बांटने की कृपा करे। जिससे मुझे इसके इतिहास का पूरा पता चल सके और मै मेरे मिशन में ओर आगे बढ़ सकु और अपने धर्म के बारे में ऐतिहासिक और सच्ची जानकारियां सबके साथ बाँट सकु।

   आपके सकारात्मक सहयोग की अपेक्षाओं के साथ.....

।।जय जिनेन्द्र।। ।।जैनम् जयति शासनम्।।