Thursday 31 March 2016

राहुल गांधी के "जय श्री राम" नहीं बोलने वाले बयां पर और देशद्रोही गतिविधियों में शामिल होने पर मेरे मन की व्यथा व्यक्त करती एक छोटी सी टिपण्णी (व्यंग्य).......

60 सालो तक देश की सेवा की है कांग्रेस ने। राहुल गांधी को तो प्रधानमंत्री बना देना चाहिए। फिर ये खाली जय श्री राम ही तो नहीं बोल रहे है ना। इससे क्या फर्क पड़ता है??? कौनसे श्री राम यहाँ अपने सामने खड़े है???
ये आ गए तो अपना बिज़नस भी अच्छा चलेगा। Exais Duty भी नहीं भरनी पड़ेगी। ब्लैक में जितना चाहे काम कर सकेंगे। कोई हिसाब पूछने वाला नहीं होगा। अब ये उसके लिए 8-10 घोटाले कर दे तो क्या फर्क पड़ता है हमें???
अपने सैनिकों के सर ओर कट जायेंगे। वो तो होते ही शहीद होने के लिए है। उनकी मौत से हमें क्या फर्क पड़ता है।
भगत सिंह को आतंकवादी बोल दिया तो क्या फर्क पड़ गया। वो तो वैसे भी मर चूका है। उसे कुछ भी बोलो। इससे क्या???
निर्भया रैप और हत्या जैसी घटनाये तो होती ही रहेगी। आखिर लडकिया होती किसके लिए है??? मजे करने के लिए ही तो है। उनके रैप और हत्या से हमें क्या??? हम तो बस उसकी याद में मोमबत्ती के व्यवसाय को बढ़ावा दे देंगे। जिससे कई मजदुर अपना पेट पाल सके।
दाऊद एक-दो बम्ब धमाके ओर करेगा। उसमे मरने वाले कौनसे अपने है?? गीता में भी श्रीकृष्ण ने यही कहा है कि जो आया है वो तो एक दिन जाना ही है। मृत्यु तो शाश्वत् सत्य है। इसे कौन बदल सका है???
सोनिया गाँधी अपने इलाज के लिए विदेशी दौरे (देश के पैसों से) करे तो इसमें गलत ही क्या है?? वो तो मेहमान है ना अपने देश की। उसकी तो खातिरदारी करना भारतीय संस्कृति है ना। हर भारतीय का फर्ज है। "अतिथि देवो भवः।"
देश और धर्म डूब जाये तो क्या हुआ??? हमें अपनी तिजोरिया तो भरनी है ना। वो तो भर जायेगी। अब देश बर्बाद हो जाये तो हमें क्या??? हमको कौनसा देश या धर्म खाने को दे रहा है???
क्यों हिन्दू भाइयों??? सही कहा ना मैंने......
अब तो मुझे भी अपने आप को हिन्दू कहने पर गर्व महसूस होने लगा है।
सोनिया गांधी की जय। राहुल गांधी- जिंदाबाद।

आपका अभागा एक हिन्दू भाई:

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