Monday 24 December 2018

गद्दारों के डर से क्या कमल खिलना छोड़ दे...?🌷


सन् 2014 के बाद, नहीं देखा आतंकी हमला,
न ही देखा कही, कोई घोटाला-झमला,
तो क्या 2019 में उजालों को मोड़ दे....!

गद्दारों के डर से क्या कमल खिलना छोड़ दे...?🌷

कभी देखा नहीं जीवन में, ऐसा राष्ट्र-निर्माता,
अब तक जो देखा, वो तो बस खाता ही खाता,
तो क्या 2019 में दीवारों को तोड़ दे....!

गद्दारों के डर से क्या कमल खिलना छोड़ दे...?🌷

सबका साथ, सबका विकास का है नारा,
अच्छे दिन आने वाले है, लगता है प्यारा,
तो क्या 2019 में उम्मीदों को तोड़ दे....!

गद्दारों के डर से क्या कमल खिलना छोड़ दे...?🌷

उज्वला ने हर घर गैस है जलाया,
शौचालय ने नारी भेष को है बचाया,
तो क्या 2019 में बेइज्जती को जोड़ दे....!

गद्दारों के डर से क्या कमल खिलना छोड़ दे...?🌷

हिन्दुओं की ताकत को है समझाया,
जो सोए हुए थे, उन्हें भी तो जगाया,
तो क्या 2019 में राम-मंदिर का मुद्दा छोड़ दे....!

गद्दारों के डर से क्या कमल खिलना छोड़ दे...?🌷

पाकिस्तान को उसी की भाषा में है ललकारा,
रोहिंग्या को भी देश में है धमकाया,
तो क्या 2019 में गद्दारों की मरोड़ दे....!

गद्दारों के डर से क्या कमल खिलना छोड़ दे...?🌷

2 comments:

gunjan said...

Superb

Unknown said...

Super composition... अति सुन्दर।