Friday 21 December 2018

कुछ गौते ऐसे होते है, जो पानी में नहीं, पुरानी यादगार यादों में लगाएं जाते है।😞

आज कुछ शांत बैठा था। बैठे-बैठे यू ही कुछ पुरानी यादों के संस्मरण याद आ रहे थे। कई अच्छे-बुरे संस्मरण आँखों के सामने से ऐसे गुजर रहे थे कि ऐसे महसूस हो रहा था जैसे वे अभी-अभी मेरे साथ बीतें हो। इन संस्मरण के बीच एक ऐसा संस्मरण याद आया, जिसने अचानक मेरे सोचने की दिशा और दशा ही बदल दी। अचानक याद आये इस संस्मरण ने मेरी आँखों को भिगो दिया और मुझे बहुत पहले के समय में गौता खाने को मजबूर कर दिया। यह संस्मरण था.......
16 सितंबर, 2018 को हुई जयपुर में भगवा फ़ोर्स की प्रदेश स्तरीय बैठक का...!

(मेरी फीलिंग्स को शब्दों में पिरोने की एक असफल कोशिश की, पर उस अहसास को तो मैं शब्दों में बांध ही नहीं पाया...........!!!)

भगवा फ़ोर्स की प्रदेश स्तरीय पहली बैठक (जो जयपुर में आयोजित हुई) में जिस तरह अध्यक्षजी श्री धर्मवीर जी चावला ने बड़े अपनत्व के साथ मुझे सम्मान दिया था, उपाध्यक्षजी श्री सचिन जी त्यागी ने मुझे बड़े प्यार से अपनी छाती से लगाया था, संगठन महामंत्रीजी श्री अमित जी भारद्वाज ने मुझे अपनेपन के साथ हिंदी का ज्ञान दिया था और जयपुर संभाग अध्यक्षजी श्री पंकज जी शर्मा ने बड़े भाई का प्यार और दुलार दिया था। अचानक मेरे आँखों के सामने यह दृश्य ज्वलंत हो उठे। उन स्वर्णिम पलों को भूल थोड़ी सकता हूँ। वह पल मेरे लिए यादगार बन गए। वहां मुझे किंचित मात्र भी महसूस नहीं हुआ कि मैं आप सभी से पहली बार मिल रहा हूँ और आप में से किसी को जानता तक नहीं। मेरी योग्यता को कसौटी पर कसने के लिए जो जगह मुझे भगवा फ़ोर्स ने दी, वह आज तक किसी ने नहीं दी। यू समझ लो कि भगवा फ़ोर्स से जुड़ने के बाद मुझे सब कुछ मिल गया, जो कि मेरा सपना है। जब भी मैं जयपुर के उन पलों को याद करता हूँ तो मेरी आँखें छल-छला जाती है और चेहरा खुशी से चमकने लगता है। यह आपने मेरे द्वारा लिखे जयपुर के यात्रा वृत्तांत में भी पढ़ा होगा। यात्रा वृत्तांत में लिखा एक-एक शब्द मेरी दिल की गहराइयों से निकला हुआ है।

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