Thursday 21 April 2016

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के काला धन 100 दिन में लाने वाले वादे पर मेरे कुछ विचार व्यक्त करती एक टिपण्णी...

बीजेपी (राजग) ने गुजरात के मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री उम्मीदवार श्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी की अगुआई में लोकसभा चुनाव, 2014 में बहुत ही अच्छा प्रदर्शन किया। बीजेपी (राजग) ने इस चुनाव में पहली बार पूर्ण बहुमत से केंद्र में अपनी धाक जमाई और 543 में से 336 सीटो पर जीत दर्ज करके एक नया इतिहास रचा। बीजेपी ने कांग्रेस मुक्त भारत का सपना पूरा करने की ओर एक शानदार कदम रखा। भारत की अब तक की सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस को 10% सीटें भी नहीं मिली, जिससे कि वो विपक्ष में बैठने लायक रहे।

बीजेपी की इस शानदार और ऐतिहासिक जीत का श्रेय गुजरात के मुख्यमंत्री और बीजेपी के प्रधानमंत्री उम्मीदवार श्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी को जाता है। इस जीत का कुछ श्रेय वर्तमान बीजेपी अध्यक्ष श्री अमित शाह को भी जाता है, जिन्होंने लोकसभा चुनाव, 2014 में उत्तरप्रदेश की कमान संभाली थी और इस ऐतिहासिक जीत में उत्तरप्रदेश का बहुत बड़ा योगदान रहा था।

लोकसभा चुनाव, 2014 के प्रचार में सबसे बड़ा मुद्दा उठाया गया था, वो काले धन (Black Money) को स्वीस बैंक, न्यूज़ीलैण्ड से वापस लाना था। कुछ हद तक हम कहे कि श्री नरेंद्र मोदी जी यह चुनाव काले धन को वापस लाने के अपने वादे के आधार पर ही जीते थे और यह बात सही भी है।

उन्होंने चुनाव प्रचार के समय यह कहा था कि कांग्रेस ने पिछले 10 सालों में अलग-अलग घोटालें करके इतना काला धन विदेशों में भेज दिया है कि उस काले धन को सभी भारतीयों में बांटा जाये तो सबके हिस्से में करीब 15 लाख रुपये आ सकते है। यह सब पैसा भारतीय जनता का है और मै आपके इस पैसे को विदेशों से 100 दिन में वापस लाऊंगा।

अब आप खुद ही हिसाब लगा लो कि एक व्यक्ति को 15 लाख मिल सकते है तो 150 करोड़ भारतीयों के हिसाब से कितना काला धन कांग्रेस ने पिछले 10 सालों में भारत से बाहर भेज दिया है। शायद आप जिस कैलकुलेटर से हिसाब करेंगे, उसमें इतनी लंबी संख्या आएगी ही नहीं। यकीन नहीं होता तो हिसाब करके देख लो।

1500000*1500000000
= E 2250. (कैलकुलेटर के हिसाब से)

और अब इसका कुल योग भी जान ले।
1500000*1500000000
= 22500,00000000000. (बाइस हज़ार पाँच सौ ख़रब रुपये)

श्री नरेंद्र मोदी जी ने चुनाव प्रचार में किये अपने इस वादे को मूर्त रूप देने के लिए इस पर प्रधानमंत्री पद की शपथ ग्रहण करते ही SIT गठित कर काम शुरू कर दिया है। जो कि इस मुद्दे पर अविरल कार्य कर रही है। हा!! मै खुद भी इस बात को मानता हूँ कि उन्होंने 100 दिन में इस पैसे को लाने का वादा किया था। जिसे वे पूरा नहीं कर पाये।

अब आपके मन में एक सवाल उठ रहा होगा। जो मैंने बहुत बार सुना है और वो ये है कि मोदी जी के 100 दिन में काले धन को लाने के वादे का क्या हुआ?

तो इसका सीधा सा जवाब यह है कि काला धन वाला मामला अंतर्राष्ट्रीय मामला है। कोई साधारण काम नहीं है यह। इसमें समय लगेगा। केंद्र सरकार इस पर काम कर भी रही है। ऐसा नहीं है कि केंद्र सरकार इस वादे को भूलकर ही बैठ गयी है और इसका प्रमाण यह है कि केंद्र में बीजेपी सरकार आने के बाद कांग्रेस के कई घोटाले सामने आये है। SC में काला धन विदेशों में भेजने वालो के नाम की सूची भी पहुंच चुकी है और कइयों के तो नाम उजागर भी हो चुके है।
ये काम इतना आसान नहीं है कि न्यूज़ीलैण्ड गए और वह पैसा पड़ा है, उसे प्लेन में डाला और अपने देश ले आये।
आपको कम से कम 5 साल तो केंद्र सरकार पर भरोसा करना ही चाहिए और दूसरी बात जब आप 10 साल एक भ्रष्ट और देशद्रोही सरकार के साथ बिना कोई विरोध किये रह सकते है तो 5 साल एक काम करने में विश्वास करने वाली सरकार के साथ रहने में हर्ज ही क्या है?

हा...!!! मै खुद भी मानता हूँ कि वर्तमान केंद्र सरकार आपकी हर उम्मीद पर खरी नहीं उतरी है। पर मेरे एक सवाल का जवाब आप खुद सोचिये कि क्या वर्तमान केंद्र सरकार के 2014 से 2016 के बीच किये कार्यो से आप संतुष्ट नहीं है? या वर्तमान केंद्र (बीजेपी) सरकार से अच्छी कोई पार्टी आपको दिखती है क्या?
यदि दिखती है तो कृपया मुझे भी बताने का कष्ट करे। ताकि मै भी उस पार्टी का समर्थन कर सकू और अपने देश को एक अच्छी सरकार देने में अपना योगदान दे सकू।

अब मै इस काले धन के मामले का दूसरा पहलु आपको समझाना चाहता हूँ। जो शायद आप किसी ने सोचा भी नहीं होगा। मेरे दिमाग में यह बात आई तो मैंने आपको समझाने का निश्चय कर लिया और इसी निश्चय से मुझे ये आर्टिकल लिखने की प्रेरणा मिली।

अब आपका पहला पहलु यह है कि 100 दिन में मोदी जी काला धन नहीं ला पाये। पर आपने इसका दूसरा पहलु कभी नहीं सोचा होगा और वो पहलु यह है कि.....
1500000*1500000000 = 22500,00000000000. (बाइस हज़ार पाँच सौ ख़रब रुपये) 10 साल के हिसाब से तो पाँच साल के हुए 11250 खरब रुपये।

मतलब कि अगर लोकसभा चुनाव, 2014 में श्री नरेंद्र मोदी जी की जीत नहीं होती तो 2014 से 2019 के बीच आपका 11250 खरब रूपया  ओर विदेशों में चला जाता और आपको कानों-कान खबर तक नहीं होती।

अब ये तो श्री नरेंद्र मोदी जी लोकसभा चुनाव, 2014 में पूर्ण बहुमत से आ गये, जिसका नतीजा यह निकला कि पिछले दो सालों में एक भी घोटाला नहीं हुआ और 2014 से पहले जो भी घोटाले हुए, उनका भी भांडा फुट रहा है और कांग्रेस के राज में हुए देशद्रोही कारनामो का कच्चा चिठ्ठा खुल रहा है। देशद्रोही नेताओं के कारनामे भी सामने आ रहे है और कैसे देश के साथ और देश की जनता के साथ धोखा किया? ये सब सामने आ रहा है।

पर मै आपसे सिर्फ और सिर्फ काले धन के बारे में बात करूँगा। जो कि नरेंद्र मोदी का मुख्य चुनावी मुद्दा था।

अब मै आपसे कुछ सवाल पुंछ रहा हूँ। जिसके जवाब आप अपने आप को दे। क्योंकि मुझे इन सवालों के जवाब पता है।

Q. 01. क्या आपको 2014 से पहले काले धन के बारे में कोई भी जानकारी थी?
Q. 02. क्या आपने कभी स्विस बैंक का नाम भी सुना था या कही पढ़ा था?
Q. 03. क्या आपको 2014 से पहले केंद्र के काम-काज की जानकारी थी जितनी कि 2014 के बाद है?
Q. 04. क्या आपको 2014 से पहले देश की राजनीती पर बोलने का अधिकार प्राप्त था जितना कि आज है?
Q. 05. क्या आपको 2014 से पहले कभी यह जानकारी थी कि देश का प्रधानमंत्री क्या कर रहा है या कहा जा रहा है?
Q. 06. क्या आपको पता है कि 2014 से पहले सोनिया गाँधी या मनमोहन सिंह ने कितनी बार विदेश की यात्राएं की और वहा क्या-क्या किया?
Q. 07. क्या आपको पता है कि सोनिया गाँधी और मनमोहन सिंह की विदेश यात्राओ पर कितना खर्च हुआ और इस खर्च से देश को कितना फायदा हुआ?
Q. 08. 2014 के बाद जो देश में विकास हुआ है। ऐसा विकास 2014 से पहले कभी सुना भी था क्या?
Q. 09. क्या 2014 के बाद भारत की साख विश्वपटल पर बढ़ी की नहीं?
Q. 10. यदि नरेंद्र मोदी जी 2014 में नहीं जीतते, तो क्या 2014 के बाद ओर घोटाले नहीं होते क्या? और क्या आपको पता है कि ये घोटाले के पैसे आपके ही थे?

इन सवालों के जवाब सोच ले और श्री नरेंद्र मोदी जी को थोडा सा समझने का प्रयास करे।

किसी भी बात का एक पहलु ही मत देखो। कभी-कभी दूसरा पहलु भी देख लिया करो। क्योंकि यदि आपके खाते में 15 लाख नहीं आएं तो क्या हुआ? आपके खाते से इंडाइरेक्टली जा रहे पैसे तो रुके है ना। क्योकि ये घोटाले के पैसे कही ना कही आपकी जेब से ही निकले थे ना।

मै अब इस पुरे मामले को एक उदाहरण से आपको समझाने का प्रयत्न करूँगा। शायद आपको समझ में आ जाएं।

मानाकि आपका एक दोस्त है, उसका नाम है पप्पू (यहाँ मेरा मतलब राहुल गाँधी से नहीं है। फालतू में कुछ भी ना सोचे। उदाहरण को समझने का प्रयास करे।) पप्पू किसी ज़माने में आपके साथ पढ़ा है, खेला है, बड़ा भी आपके साथ ही हुआ है। मतलब आपका बचपन का दोस्त है। अब आप दोनों बड़े हो गए है। आप अच्छा बिज़नेस कर रहे है और जो आपका दोस्त है, उसका काम-काज ठीक-ठाक है। आप दोनों का ही बिज़नेस अपने गाँव से दूर दूसरे शहर में है। अब आप दोनों का मिलना कभी-कभार ही होता है। जब कभी आप दोनों एक साथ गाँव में हो तब।

अब एक बार आप दोनों एक साथ गाँव आए। इस बार आप दोनों बहुत सालो बाद मिले है। अब आपने देखा कि पप्पू में बचपन वाली बात नहीं रही। वो थोडा बदल गया है। अब वो पहले वाला पप्पू नहीं रहा। उसकी नियत भी समय के साथ बदल गयी। बात-बात में बड़ी-बड़ी बाते करना उसकी आदत हो गयी है। आप दोनों जितने दिन गाँव में रहे, आप दोनों साथ-साथ ही रहे। हर बात में पप्पू आपसे ही खर्च करवाता है। वो नशे का आदी भी हो गया है। सिगरेट तो उसके लिए सामान्य सी बात है। अब वो सिगरेट भी आपके पैसे की ही पीने लगा। कुछ दिन युही चलता रहा और फिर आप दोनों वापस शहर चले गए।

अब ऐसा मौका दूसरी बार वापस मिल गया। इस बार भी आप दोनों गाँव में ही मिल गए। पर इस बार.............

01. क्या आप पप्पू से पहले वाला रिश्ता रखना पसंद करेंगे?
02. क्या इस बार भी आप पप्पू को पहले की तरह ही नशा करने के लिए पैसे देते रहेंगे?
03. क्या इस बार भी आप अपना पैसा बर्बाद करेंगे या उन पैसो को बचाने का प्रयत्न करेंगे?
04. क्या आप पप्पू से दोस्ती रखना पसन्द करेंगे या एक ऐसा नया दोस्त बनाने की कोशिश करेंगे, जो आपका पप्पू के साथ खर्च हुआ पैसा तो नहीं दिला सकता। लेकिन अब आपसे पैसे लेकर फालतू खर्च नहीं करना चाहता? और जिस पर आप पप्पू से ज्यादा भरोसा कर सकते है।

अब इन चार सवालो के जवाब आप खुद ही सोच लो और समझ लो कि आपको क्या करना है? मेरा मतलब है कि पप्पू से दोस्ती रखकर और पैसा बर्बाद करना है या नया दोस्त बनाकर अपना पैसा बचाना है?

क्योंकि आप की सकारात्मक और अच्छी सोच ही इस देश को आगे बढ़ा सकती है। विश्वगुरु बना सकती है।

कभी-कभी अच्छा भी सोच लिया करो। अपना स्वार्थ एक तरफ रखकर कभी देश के लिए भी सोच लिया करो। तो शायद आपका भी और देश का भी विकास हो जायेगा।
अब आगे आपकी मर्जी........!!

एक देशभक्त की कलम से....
श्री पी. सी. सिंघवी,
कड़ियाँ।
+91-9819715012.

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