Monday 29 October 2018

एक ऐसा भव्य काफिला, जो अपने सौभाग्य को लेने चला..! भाग 01.

आज भाग 01. में आप पढ़ेंगे...! गुरुभक्तों के उत्साह और गुरुभक्ति से ओतप्रोत एक भव्य काफिले का आगाज.

"विनती है हमारी गुरु चरण कमल।
2019 वर्षावास हो कड़ियाँ में सफल।।"

सुबह 05:00 बजे एक जोर की आवाज गूंजी...!
"जय अम्बेश, जय सौभाग्य, जय मदन" और गुरु के जयकारें के साथ ही महिलाओं द्वारा मंगल गीत की मधुर आवाज में सुबह की ठंडी हवाओं में एक अलग ही धुन थी।
श्री गुरु सौभाग्य दीक्षा स्थल जन सेवा ट्रस्ट, कड़ियाँ के बाहर एक बस में कई गुरुभक्त मंगलकामनाएं कर रहे थे। यह गुरुभक्त उसी भव्य काफिले का अहम हिस्सा थे, जो गुरु को लेने भीलवाड़ा जा रहे थे।
मैं बात कर रहा हूँ....!
मेवाड़ के गुरुभक्त अपने गुरु को लेने भव्य काफिले के साथ भीलवाड़ा की ओर कूच कर रहे थे। गुरु सौभाग्य की दीक्षा स्थली, कड़ियाँ से, भुताला से, उदयपुर से मुम्बई से बस द्वारा और अपने निजी वाहन से कई भक्त अपने गुरु को लेने जा रहे थे।
गुरुभक्तों के उत्साह को शब्दों में बयां कर दु, इतनी मेरी कलम में ताकत कहा....?? पर उस उत्साह को लिखने की एक असफल कोशिश करने की ठानी। पर शायद यह मेरी कलम के बस की बात नहीं थी। कलम चलाने की कोशिश करता तो जैसे ऐसा महसूस हो रहा था कि कलम चलने से ना बोल रही हो। वह आगे चलने को तैयार ही नहीं हो रही थी।
सुबह करीब 05:30 बजे रामा से कुछ गुरुभक्त दीक्षा स्थल पहुंच कर बस में बैठे और बस अपने गंतव्य की तरफ आगे बढ़ गयी और इसी तरह एक भव्य काफिले का आगाज हुआ और यह भव्य काफिला अपने गुरु को लेने निकल पड़ा....।
जैसे-जैसे बस आगे बढ़ रही थी, वैसे-वैसे गुरुभक्त और उनका उत्साह भी बढ़ रहा था। कुछ गुरुभक्त सांगठ से बैठे (जो वाटी से थे), कुछ गुरुभक्त कालोड़ा से (जो सेमल से थे), तो कुछ खमनोर से (जो सगरुण से थे)... और इसी तरह गुरुभक्तों का काफिला भव्य से भव्यातिभव्य होता गया।
कुछ ही घंटों बाद यह काफिला विश्व प्रसिद्ध वस्त्रों की नगरी भीलवाड़ा में प्रवेश कर गया। जहां का वातावरण गुरुवृन्द के श्रीचरणों से ज्योतिर्मय तो था ही, गुरुभक्तों के प्रवेश के साथ ही भक्तिमय भी हो गया और देखते ही देखते कई सौ गुरुभक्तों ने भव्य काफिले से एक भव्य जुलुष का रूप धारण कर लिया और चल पड़ा अपने आराध्य को लेने....

क्रमशः...

(आगे... भव्य काफिले ने जुलुष का रूप धारण कर गुरुचरणों में भक्तांजली अर्पित की...)

पढ़ते रहिए, एक ऐसा भव्य काफिला, जो...... भाग 02.

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