Sunday 25 October 2015

यह प्रार्थना कर आजीवन सुखी रहिये।

      हे प्रभु! मैंने तुझे नही देखा, फिर भी मेरा विश्वास हैं कि तू कही ना कही जरूर हैं। क्योकि मेरी सांस चल रही हैं। पक्षी उड़ रहे हैं। जानवर चर रहे हैं। हवाएं चल रही हैं। चाँद अपने समय पर आ रहा हैं। ये सब तेरे होने के ही सबूत हैं। तूने इंसानो से इंसानो को प्यार करना सिखाया। तूने अपने से बड़ो का आदर करना सिखलाया। तूने ही हर तरह की खुशियां दी। मैं हर तरह तेरा एहसानमंद हु। तूने इंसान को बनाया। उसमे भावनाओ से भरा उसे दिल दिया। उसे दिमाग दिया। यह एक चमत्कार है तेरा लेकिन आज का इंसान तेरी याद को, तेरे एहसान को भूलकर गुमराह हो रहा है। तू उसे माफ़ कर और सही रास्ता दिखा। तू ममता का सागर हैं तुझसे बड़ा कोई नही हैं। मरने के बाद मुझे और मेरी आत्मा को तेरी शरण में ही आना हैं।
      मैं तुझसे प्रार्थना करता हु कि तू हमारे देश के काम आने वाले लोगो को अच्छी सेहत दे। हमारे देश में रहने वालो को परेशानियो से मुक्त कर उन्हें बुरे कर्मो से बचा। अच्छी तरह राह दिखा। मानव समाज के लोग अन्धविश्वास में जी रहे है उनकी आँखे खोल।
      हे प्रभु! मेरे माँ-बाप का साया सदा मेरे सिर पर रख। मैं जहा से रोजी-रोटी कमाता हूं वहां खुशहाली के भंडार भर दे। मेरे इमान को इतना मजबूत बना कि मैं कभी ऐसा काम न करुं, जो तुझे पसंद न हो।
      मुझे सदैव सत्य की राह पर चलने की हिम्मत दे। अपने कर्त्तव्य से मैं कभी मुंह न मोडू ऐसी शक्ति दे।
      बाढ़, अकाल, आग और बिजली की चमक से मेरे देश को बचाए रख। तूने मुझे जैसा भी जीवन दिया है वो मुझ पर तेरा एहसान हैं। मैं उसे काबुल करता हूं और तेरे आगे सिर झुकाता हूं। तेरे आशीर्वाद से ही मेरी यह ज़िन्दगी कट रही हैं।

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