Tuesday 29 August 2017

शादी-ब्याह आदि कार्यक्रमों में नाच-गाना और कोरियोग्राफर को बंद करने के मुद्दे पर मेरे विचार....

मैं बहुत समय से यह देख रहा हूँ कि हमारे जैन समाज में एक मुद्दा बड़ा ही जोर-शोर से उठ रहा है। अब यह मुद्दा सबसे पहले किसने उठाया? इसका जवाब मेरे पास नहीं है और शायद आपके पास भी नहीं होगा। खेर हम बात करेंगे इस मुद्दे के बारे में। बाकी किसने उठाया या किसने नहीं? यह खास मायने नहीं रखता।

यह मुद्दा है..... "शादी-ब्याह आदि कार्यक्रमों में नाच-गाना और कोरियोग्राफर को बंद करना।"

कुछ गाँवों में इस पर बंदी भी लग चुकी है। जो कि मेरी नजर में कुछ लोगों या समाज के वरिष्ठजनों के लिए सुखद हो सकता है, लेकिन आज की युवा पीढ़ी के लिए बेहद मायूसी भरा फैसला है। जो कि काफी दुखद है।

अब इसको बंद करने के पीछे लोग कई तर्क दे रहे है। जिसमें अभी तक मेरी जानकारी और खोज के अनुसार सबसे बड़ा कारण "जैन समाज की लड़कियों का दूसरे समाज के लड़कों के साथ भाग जाना" बताया जा रहा है और दूसरा कुछ लोग यह भी कह रहे है कि "हमारी बहु-बेटियों का हाथ पकड़ कर कोई दूसरा उसको नाचना सिखाए। यह क्या सही है? यह क्या जैन की मर्यादा है?" बात दोनों ही सही है। यह जो समाज में हो रहा है। यह होना भी नहीं चाहिए और अगर किसी के साथ होता है। तो यह पूरे समाज के लिए बेहद दुःख वाली बात है। मैं खुद आपके समाज का एक अंग होने के नाते ऐसी घटनाओं का विरोध करता हूँ।

अब मैं मुख्य मुद्दे पर आता हूँ, जो है "शादी-ब्याह आदि कार्यक्रमों में नाच-गाना और कोरियोग्राफर को बंद करने का।"

अब मेरे कुछ सवाल है। जिनके उत्तर आप अपनी समझ के हिसाब से सोच ले। अगर आपके उत्तर मुझ तक पहुंच सके तो मैं इस मुद्दे पर जो रिसर्च कर रहा हूँ। उसमें मुझे थोड़ी मदद मिल जाएगी। यदि आपके कुछ सवाल भी हो तो कृपया मुझ तक भेजने की कृपा करें। ताकि मैं उनके उत्तर खोज सकु। (इसके लिए मेरे नंबर नीचे दिए है। आप सीधा मुझसे संपर्क करें।)

मेरे अन्तःकरण में उठे कुछ सवाल, जो इस प्रकार है...
01. अपने समाज में अब तक ऐसा कब और किसके साथ हुआ कि कोई लड़की किसी ओर जाति के कोरियोग्राफर के साथ भाग गई हो, जो कि उसने अपने माता-पिता के खिलाफ यह कदम उठाया हो और बाद में समाज या उसके परिवार ने उसको स्वीकार नहीं किया हो?

02. क्या आप में से कोई मुझे यह बता सकता है कि आज तक अपने समाज से कितनी लड़कियों ने किसी ओर जाति के लड़के के साथ शादी की और उसके माता-पिता या समाज ने उसे स्वीकार नहीं किया हो?

03. क्या मुझे कोई महानुभव इस बात की गेरेन्टी दे सकता है कि कोरियोग्राफर या नाच-गाना बंद करने के बाद हमारे समाज की लड़कियां किसी ओर जाति के लड़के के साथ भाग कर शादी नहीं करेगी? या ऐसे मामले कम हो जाएंगे।

04. क्या आप अपने संस्कारों को इन सबके लिए जिम्मेदार नहीं मानते? (यदि इस 04 नंबर प्रश्न का उत्तर आप "नहीं" में देते है तो अपने घर की बहू-बेटियों के कपड़ो पर एक बार नजर जरूर डाले और सोचे कि क्या यह जैन की मर्यादा के अनुसार सही है? या अपनी बहू-बेटियों की फेसबुक प्रोफाइल जांच ले। आपको आपके संस्कार के प्रत्यक्ष दर्शन हो जाएंगे।)

मेरी कुछ बाते कड़वी जरूर लगेगी। पर इन्हें गलत साबित करना शायद किसी के बस की बात नहीं है और कोई यह समझता है कि यह गलत है तो मैं उनका स्वागत करूंगा। पर उन्हें यह साबित भी करना पड़ेगा।

अब मैं इस समस्या के समाधान के बारे में बात करूंगा। क्योंकि आपको लगता है कि किसी ओर जाति का लड़का कोरियोग्राफी के बहाने गलत कार्य कर रहा है। तो इसे बंद करने से पहले एक बार पुनः विचार कीजिए। क्योंकि इसे बंद करना आज के युवाओं के साथ नाइंसाफी होगी और आज का युवा शादी-ब्याह में नहीं नाचेगा-गाएगा तो कहा नाचेगा-गाएगा? क्या उसे नाचना-गाना बंद कर देना चाहिए? यह एक एन्जॉयमेंट करने का जरिया है, जिसे समाज बंद नहीं कर सकता। क्योंकि मुझे जैन समाज पर पूरा भरोसा है कि वह युवाओ के साथ नाइंसाफी कभी नहीं करेगा।

इस समस्या का मुझे जो समाधान दिख रहा है, वह है कि कोरियोग्राफर के रूप में किसी ओर जाति के लड़के को लाने की बजाय किसी जैन लड़के को ही बुला लो। ताकि जो आपके मन में डर है, उसका नामो-निशान ही नहीं रहे। दूसरा इससे हमारे समाज के युवाओं को रोजगार भी मिल जाएगा। ताकि कोई बेरोजगार नहीं रहे और तीसरा अगर कोई लड़की किसी लड़के से आकर्षित हो जाती है तो लड़का तो अपने ही समाज का है। कर दो शादी। ताकि आप भी बिना टेंसन के अपनी जिम्मेदारी से निवृत हो जाओ और सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि आज की युवापीढ़ी के साथ नाइंसाफी भी नहीं होगी। आज का युवा शादी-ब्याह में नाच-गान और पूरा एन्जॉयमेंट कर सकेगा, क्योंकि समाज का भविष्य आज की युवा-पीढ़ी के ऊपर ही निर्भर है।

(आप में से किसी भी महानुभव को मेरी कोई बात बुरी लगी हो तो मैं माफी चाहता हूँ। इस मुद्दे पर आपके विचारों का मैं सहर्ष स्वागत करता हूँ। आप अपने विचार मुझे मेरे व्हाट्सएप्प नंबर +91-9819715012 पर भेज सकते है।)

जय जिनेन्द्र! जैनम जयति शासनं!!

(आपसे सविनय नम्र निवेदन है कि आप इस मैसेज को अपने सभी जैन ग्रुप्स और लोगों को बिना किसी कांट-छाँट के भेजे, ताकि समाज इस मुद्दे पर पुनः विचार कर सके और युवाओं के साथ न्याय हो सके। धन्यवाद!!)

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